12 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी
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![Did not get recognition even after debuting with YRF | YRF से डेब्यू करने पर भी नहीं मिली थी पहचान: ताहा शाह बोले- भंसाली सर ने मुझ पर भरोसा किया, ‘हीरामंडी’ करियर की टर्निंग पॉइंट साबित हुई Ibomma Did not get recognition even after debuting with YRF | YRF से डेब्यू करने पर भी नहीं मिली थी पहचान: ताहा शाह बोले- भंसाली सर ने मुझ पर भरोसा किया, ‘हीरामंडी’ करियर की टर्निंग पॉइंट साबित हुई Ibomma](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/06/12/untitled-2_1718185824.gif)
एक्टर ताहा शाह बदुशा ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत यशराज फिल्म्स की सहायक कंपनी वाई- फिल्म्स की पहली फिल्म ‘लव का द एंड’ से की। इसके बाद दूसरा बड़ा मौका धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म ‘गिप्पी’ में मिला। इंडियन सिनेमा के दो बड़े प्रोडक्शन की फिल्में करने के बाद ताहा शाह लाइमलाइट में नहीं आएं। देखा जाए तो एक्टर को सही मायने में पहचान संजय लीला भंसाली की सीरीज ‘हीरामंडी’ में नवाब ताजदार बलोच की भूमिका में मिली। हाल ही में एक्टर ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान बताया कि ‘हीरामंडी’ में काम करने का मौका कैसे मिला।
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‘हीरामंडी’ के किरदार के चयन का प्रोसेस बहुत कठिन रहा है, उसके बारे में कुछ बताएं?
मुझे यहां कोई काम नहीं दे रहा था। मैं यूएसए अलादीन के ऑडिशन के लिए गया था। वहीं रह गया और अपना बेस वहां बनाने लगा। उसी दौरान कोविड के बाद जब मेरा वीजा टर्मिनेट हो गया तो वापस आ गया। तब मुझे पता चला कि यहां पर तो सब लोग मुझे भूल गए। उस वक्त मैंने और मेरे दोस्त तुषार ने सोचा कि क्या करें? तुषार पहले संजय लीला भंसाली के साथ काम करते थे, उनको पता था कि संजय सर ‘हीरामंडी’ बना रहे हैं। न्यूज भी आ गई थी कि ‘हीरामंडी’ की कास्टिंग शुरू हो गई है।
फिर आपने किस तरह से प्रयास शुरू किए?
15 महीने तक तुषार मेरे ऑडिशन के लिए फोन करते रहें। इस सीरीज की कास्टिंग डायरेक्टर श्रुति महाजन ने मुझे छह साल तक ऑडिशन का मौका नहीं दिया था। मैं उनके ऑफिस में पहुंच जाता था। मुझसे तंग आकर तीन दिन के एक रोल के लिए मेरा ऑडिशन लिया। पहले मैंने सोचा कि इतना काम करने के बाद तीन दिन का रोल मिल रहा है? यूएसए में जब पढ़ता था तब बहुत सारे एक्टर्स का उदाहरण देकर बताया जाता था कि आपको सिर्फ एक सीन की जरूरत है। उस एक सीन में आप नोटिस भी हो सकते हो और करियर भी बन सकता है।
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आपने तीन दिन के रोल के लिए ऑडिशन दिया था?
जी, लेकिन मैंने कहा कि वह एक सीन मेरा होना चाहिए। ऑडिशन दिया, सिलेक्ट भी हो गया और कॉन्ट्रैक्ट भी साइन हो गया। अचानक संजय सर के ऑफिस से फोन आया कि वो मिलना चाहते हैं। मैं यह सोच रहा था कि तीन दिन के रोल के लिए क्यों मिलना चाह रहे हैं ? मिला तो उन्होंने कहा कि तुमने तो काम अच्छा- अच्छा किया है, लेकिन कोई जानता नहीं है। उन्होंने मुझे बलराज का रोल दे दिया। मैं तो शॉक्ड हो गया कि मेरा रोल कैसे बढ़ा दिए। दो हफ्ते के बाद जब नया कॉन्ट्रैक्ट साइन करने जा रहा था फिर कॉल आया कि संजय सर ने अपना इरादा बदल दिया है। अक्सर मेरी लाइफ में ऐसा होता है कि प्रोजेक्ट्स से निकाल दिया जाता है। मुझे लगा कि इस प्रोजेक्ट से भी निकाल दिया गया।
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लेकिन जब आप संजय लीला भंसाली से मिलने गए तब क्या हुआ?
मैं गया और संजय सर के पैर पकड़ लिए। मैंने कहा कि मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफ कर दीजिए, लेकिन रोल करने दीजिए। संजय सर ने कहा कि मैंने तुम्हारा लुक टेस्ट देखा, तुमको ताजदार का लीड रोल दे रहा हूं। मैं समझ नहीं पा रहा था कि संजय सर क्या बोल रहे हैं ? वे बोले कि कल लुक टेस्ट के लिए आ जाना, तब मुझे महसूस हुआ कि वे मजाक नहीं कर रहें। उसी दिन मेरा दो बार ऑडिशन हुआ। सभी से मेरे कॉन्टेक्ट अच्छे हो गए थे,लेकिन संजय सर ने कहा कि श्रुति के अलावा किसी को फोन मत करना।
आपने कितने दिनों के बाद श्रुति को फोन किया?
मैंने सोचा कि दो-चार दिन में हां या ना में फोन आ ही जाएगा। दो हफ्ते तक फोन नहीं आया तो मैंने श्रुति मैडम को फोन करके पूछा तो उन्होंने बताया कि अभी तक संजय सर का इस बारे में कोई फोन नहीं आया। एक महीने के बाद फिर फोन किया तो वही जवाब मिला। उसके बाद मैंने फोन करना बंद कर दिया। इंतजार करते- करते मेरे पास तीन दूसरे प्रोजेक्ट आ गए। जिसमें एक इंटरनेशनल प्रोजेक्ट था, उसमें पैसे बहुत अच्छे मिल रहे थे।
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उस प्रोजेक्ट को लेकर आपके मन में क्या चल रहा था?
मेरे सामने समस्या यह थी कि जो प्रोजेक्ट्स आ रहे हैं, उसे स्वीकार करूं या फिर ‘हीरामंडी’ का इंतजार करूं। डर यह भी था कि अगर कोई प्रोजेक्ट्स कर लिया तो सीरीज से निकाल दिया जाएगा। बड़ी दुविधा में था। मम्मी से पूछा तो उनका यही सुझाव था कि जो दिल कर रहा वो करो। मैंने दिल की बात सुनी और सारे प्रोजेक्ट्स कैंसिल कर दिए। मैं एकदम से जीरो पर आ गया। उसके तीन दिन के बाद अचानक संजय सर के ऑफिस से फोन आया कि तू मेरा ताजदार, कल सेट पर आ जा।
जब भंसाली के यहां से फोन आया तब कैसी फीलिंग थी?
संजय सर के टीम से फोन आया, तब भी मैं शॉक्ड था। मेरे साथ अक्सर ऐसा हुआ है कि कॉन्ट्रैक्ट साइन करने के बाद भी मुझे प्रोजेक्ट में नहीं लिया गया। ‘हीरामंडी’ के लिए तो अभी तक कॉन्ट्रैक्ट भी साइन नहीं किया था। सीरीज की शूटिंग तीन महीने से चल रही थी। सेट पर गया तो संजय सर ने पूछा कि इस बीच कोई प्रोजेक्ट किया तो नहीं। उस बीच मैंने थोड़ा बहुत शूट कर लिया था। संजय सर को बताया तो वो बोले कि अब तुम ताजदार नहीं हो सकते हो।
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फिर क्या हुआ ?
मैं बहुत उदास हो गया। मुझे पता चला था कि ताजदार के किरदार के लिए किसी और को कास्ट किया जा रहा है। मैंने कहा कि मुझे बलराज का ही रोल दे दीजिए। संजय सर ने कहा कि कोई बात नहीं तुम ही ताजदार का रोल कर लो। कई लोग चाह रहे थे कि वह रोल मैं ना करूं, लेकिन संजय सर को पूरा यकीन था कि उस किरदार को मैं निभा सकता हूं। मैं उस वक्त कुछ भी था। संजय सर ने मेरे ऊपर विश्वास किया। ताजदार का ऐसा रोल है जिसे हर कोई करना चाह रहा था।
‘हीरामंडी 2’ बनने की बात हो रही है, काफी लोगों की डिमांड है कि आलमजेब के बच्चे के किरदार में आप ही नजर आएं। क्या कहना चाहेंगे ?
ऑडियंस हमेशा सही होती है। वही स्टार्स को बनाती है। अगर ऑडियंस ने यह मैसेज संजय सर तक पहुंचा दिया तो, मैं हाजिर ही हूं। मैं तो संजय सर के साथ हमेशा से काम करने को तैयार हूं,भले ही भूमिका छोटी ही क्यों ना हो।
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आने वाले प्रोजेक्ट्स में किस तरह के रोल करना चाहेंगे आप?
मैं तो अभी ऐसी भूमिकाएं निभाना चाहता हूं, जिसमें परफार्म करने का मौका मिले। ऐसा इमोशनल रोल हो कि और लोगों के दिलों को छू लूं। इस तरह की दो- तीन फिल्में करने के बाद डांस और एक्शन वाली फिल्में करना चाहूंगा।
आपकी तुलना कुछ लोग शाहरुख खान के रोमांस और उनकी आंखों से कर रहे हैं, तो कुछ लोग फवाद खान और विक्की कौशल से, इस तुलना को कैसे देखते हैं आप?
वो तो बहुत बड़े स्टार्स हैं। शाहरुख खान सर तो हम सबके आइडियल हैं। मैं तो उनके नाखून के बराबरभी नहीं हूं। अगर लोग ऐसा कह रहे हैं तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी ब्लेसिंग है। जहां तक विक्की और फवाद की बात है, तो विक्की तो एक्टिंग इंस्टीट्यूट में मुझसे सीनियर थे। मैं उनको बहुत प्यार करता हूं। वो बहुत ही मेहनती हैं। मैं हमेशा से बोलता रहता हूं कि उनके साथ मुझे फिल्म करनी है। फवाद भाई का तो तब से फैन हूं जब वो गाना गाया करते थे।